ज़ी न्यूज़ की ख़बर के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नजरों में खुद को साबित कर जनरल झाओ झोंगकी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन में वाइस चेयरमैन बनना चाहता है. यही वजह है कि झाओ झोंगकी डोकलाम में चीनी सेना के पीछे हटने की खीज लद्दाख में निकाल रहा है. जनरल झाओ झोंगकी ही साल 2017 में भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद के समय वेस्टर्न थिएटर कमान को कमांड कर रहा था.

झाओ झोंगकी भारी हथियारों का ज़खीरा लगाने में माहिर है. उसे वियतनाम युद्ध का लम्बा अनुभव है. चीन की तरफ से युद्ध में अपनी सफल प्लानिंग के चलते जनरल ने कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं. जानकारी के मुताबिक, जिनान सैन्य क्षेत्र कमांडर के रूप में जनरल की पूर्व वाइस चेयरमैन जनरल फैन चांगलोंग के साथ निंग्जिया, काशगर, तिब्बत और शिनजियांग की कई महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील जगहों पर तैनाती हो चुकी है.
लद्दाख का पूरा ऑपरेशन चीन की तरफ से झाओ झोंगकी की योजना थी. झाओ झोंगकी ने गलवान में भारतीय सैनिकों पर हमले की योजना बनाई थी. चीन की सेना का सबसे ताकतवर जनरल झाओ झोंगकी अपनी फौज के साथ भारत के लद्दाख पर कब्जे की कोशिश कर रहा था. खबरों के अनुसार लद्दाख में चल रहा चीनी अभियान पश्चिमी थिएटर कमान के कमांडर जनरल झाओ झोंगकी के दिमाग की ही उपज है. झाओ झोंगकी ने 20 सालों में तिब्बत सीमा से लगे इलाके की महत्पूर्ण एवं सटीक जानकारियां हासिल कर ली हैं.